🆕 15 सितंबर 2025 से लागू होने वाले नए UPI नियम
भारत में डिजिटल पेमेंट का तरीका अब और भी पावरफुल हो गया है! NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) ने UPI ट्रांजैक्शन लिमिट्स को अपडेट किया है—खासकर उन पेमेंट्स के लिए जो इंश्योरेंस, इन्वेस्टमेंट, ट्रैवल या क्रेडिट कार्ड से जुड़े हैं।
🔍 मुख्य बदलाव
श्रेणी | प्रति ट्रांजैक्शन सीमा | दैनिक सीमा |
---|---|---|
कैपिटल मार्केट निवेश | ₹5 लाख | ₹10 लाख |
इंश्योरेंस प्रीमियम | ₹5 लाख | ₹10 लाख |
सरकारी ई-मार्केटप्लेस (GeM) | ₹5 लाख | ₹10 लाख |
यात्रा बुकिंग | ₹5 लाख | ₹10 लाख |
क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान | ₹5 लाख | ₹6 लाख |
ज्वेलरी खरीद | ₹2 लाख | ₹6 लाख |
व्यापारी/बिजनेस ट्रांजैक्शन | ₹5 लाख | कोई दैनिक सीमा नहीं |
लोन/EMI कलेक्शन | ₹5 लाख | ₹10 लाख |
विदेशी मुद्रा भुगतान (BBPS) | ₹5 लाख | ₹5 लाख |
डिजिटल अकाउंट ओपनिंग | ₹5 लाख | ₹5 लाख |
अकाउंट फंडिंग (पहली बार) | ₹2 लाख | ₹2 लाख |
व्यक्ति से व्यक्ति (P2P) ट्रांसफर | ₹1 लाख | ₹1 लाख (जैसा था वैसा ही रहेगा) |
💡 क्या बदला है?
- ✅ अब बड़े पेमेंट्स UPI से सीधे किए जा सकते हैं—NEFT या RTGS की जरूरत नहीं।
- ✅ वेरिफाइड मर्चेंट्स के लिए लिमिट्स बढ़ा दी गई हैं।
- ✅ P2P ट्रांजैक्शन की सीमा पहले जैसी ही रहेगी: ₹1 लाख/दिन।
- ✅ यूजर को कोई मैनुअल सेटिंग नहीं करनी होगी—योग्य मर्चेंट्स के लिए ये ऑटोमैटिकली लागू होगा।
🔐 सुरक्षा उपाय
- मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन बड़े पेमेंट्स के लिए
- हाई-वैल्यू कैटेगरी के लिए मर्चेंट वेरिफिकेशन
- रियल-टाइम फ्रॉड मॉनिटरिंग बैंक और ऐप्स द्वारा
🎯 क्यों ज़रूरी है?
- 💼 बिजनेस और मर्चेंट्स के लिए आसान पेमेंट प्रोसेस
- 🧾 टैक्सपेयर्स और इन्वेस्टर्स के लिए तेज़ सेटलमेंट
- ✈️ ट्रैवल और इंश्योरेंस पेमेंट्स अब बिना झंझट
- 📈 UPI अब सिर्फ छोटे पेमेंट्स नहीं, बड़े फाइनेंशियल डिसीजन का हिस्सा बन चुका है
📲 क्या करें?
अभी चेक करें:
- अपने UPI लिमिट्स जानें
- मर्चेंट एलिजिबिलिटी चेक करें
- हाई-वैल्यू पेमेंट्स कैसे एक्टिव करें
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